आज मोदी सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल की आखिरी पूर्ण बजट पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में आज बजट 2018 पेश करेंगे। देश में ऐतिहासिक अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था GST लागू होने के बाद यह पहला आम बजट होगा। बजट में ग्रोथ, रोजगार सृजन, फिस्कल डेफिसिट, महंगाई, कृषि, छोटे-मंझोले उद्योगों के अलावा अन्य सेक्टर्स के लिए क्या प्रावधान किया जाता है, इस पर तो नजर रहेगी ही, साथ ही आप की नजर इस पर रहनी चाहिए कि आपके पैसों पर सीधा असर डालने वाले क्या-क्या प्रावधान किये जाते हैं।
-इनकम टैक्स को लेकर वित्त मंत्री जी क्या बदलाव लाते हैं-
बजट 2017 में 5 लाख तक की आय वालों के लिए इनकम टैक्स की दर 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी थी। सरकार ने 3.5 लाख तक आय वालों के लिए विशेष छूट की सीमा 5 हजार रुपए से घटाकर 2.5 हजार रुपए कर दी थी। भले ही 2.5 लाख रुपए तक 5 प्रतिशत टैक्स लगता है लेकिन इस छूट के कारण 3 लाख रुपए तक की आय टैक्स छूट के दायरे में आ जाती है। सरकार अब इस छूट को पूरी तरह खत्म कर 3 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री कर सकती है। इससे 5 लाख रुपए से ऊपर वाले स्लैब वालों को फायदा होगा। इसके अलावा 80 सी के तहत निवेश करने की 1.5 लाख रुपए की सीमा में भी बढ़ोतरी की जा सकती है।
-वित्तमंत्री अरुण जेटली इस कार्यकाल के पहले बजट में कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का लक्ष्य बनाया था। पिछले साल उन्होंने छोटी कंपनियों के लिए इसे घटाया भी था। इस बार 200 करोड़ तक के टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर घटाकर 25 प्रतिशत की जा सकती है।
-शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों को फिलहाल लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स से छूट है। इसके अलावा सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स भी बहुत कम लगता है। इसलिए सरकार शेयर बाजार से जुड़े टैक्स में बदलाव कर सकती है। बाजार में विदेशी निवेशक भी निवेश करते हैं ऐसे में बजट में कोई बीच का रास्ता निकल सकता है।
-टैक्स फ्री बैंक एफडी ब्याज की सीमा बढ़ाने की मांग: बैंकर्स सरकार से टैक्स फ्री बैंक एफडी ब्याज की सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अभी साल में दस हजार रुपए तक बैंक एफडी ब्याज टैक्स फ्री है यानी 10 हजार रुपए तक ब्याज रहने पर टैक्स नहीं देना होता है लेकिन दस हजार रुपए से अधिक ब्याज रहने पर टैक्स देना होता है।
-कर मुक्त पूंजीगत लाभ वाली कमाई
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