देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने हाल के दो फैसलों से कुछ ग्राहकों को जख्म दिया है तो कुछ ग्राहकों को राहत पहुंचाई है। बैंक ने एक तरफ जहां कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.05 प्रतिशत की कटौती कर होम, ऑटो, पर्सनल समेत दूसरे लोन लेने वालों को राहत दिया है वहीं बैंक एफडी पर सालाना ब्याज दर में चौथाई परसेंट की कटौती कर एफडी में पैसे लगाने वालों को झटका यानी जख्म दिया है।
आपको बता दें कि एसबीआई ने अपने एमसीएलआर में 10 महीने के अंतराल पर कटौती की है। तो, अगर आप एसबीआई से लोन लेने जा रहे हैं तो कर्ज की नई दरें जरूर जान लें।
भारतीय स्टेट बैंक की वेबसाइट के अनुसार इस कटौती के बाद एक साल के कर्ज पर एमसीएलआर 7.95 प्रतिशत पर आ गयी है जो पहले आठ प्रतिशत थी। एक दिन के लिये कर्ज पर एमसीएलआर कम होकर 7.70 प्रतिशत हो गयी है जो पहले 7.75 प्रतिशत थी। वहीं तीन साल की अवधि के कर्ज पर यह अब 8.10 प्रतिशत होगी जो पहले 8.15 प्रतिशत थी।
इस बीच, इलाहबाद बैंक ने भी एमसीएलआर में 0.15 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की. इस कटौती के बाद एक साल की अवधि के कर्ज पर एमसीएलआर 8.30 प्रतिशत होगी जो पहले 8.45 प्रतिशत थी।
अब बात करते हैं एसबीआई की नई बैंक एफडी रेट्स की, जो कि एक नवंबर से लागू हो गई है। बैंक ने एक करोड़ रुपए तक की फिक्स्ड डिपॉजिट पर अलग-अलग अवधियों की ब्याज दर में पहले के मुकाबले 0.25 प्रतिशत की कटौती कर दी है। यानी अगर आपको इतनी रकम की एफडी कराने पर पहले सालाना 7 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा था तो अब उतनी रकम की एफडी पर महज 6.75 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। तो, बैंक ने एक तरह से एफडी कराने वालों को जोरदार झटका दिया है।
अब बात करते हैं एसबीआई की नई बैंक एफडी रेट्स की, जो कि एक नवंबर से लागू हो गई है। बैंक ने एक करोड़ रुपए तक की फिक्स्ड डिपॉजिट पर अलग-अलग अवधियों की ब्याज दर में पहले के मुकाबले 0.25 प्रतिशत की कटौती कर दी है। यानी अगर आपको इतनी रकम की एफडी कराने पर पहले सालाना 7 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा था तो अब उतनी रकम की एफडी पर महज 6.75 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। तो, बैंक ने एक तरह से एफडी कराने वालों को जोरदार झटका दिया है।
The revised SBI interest rates are as under:
(Revised bank FD rates as given on the SBI website)
Tenors | Revised For Public w.e.f. 01.11.2017 (%) | Revised for Senior Citizens w.e.f. 01.11.2017 (%) |
7 days to 45 days | 5.25 | 5.75 |
46 days to 179 days | 6.25 | 6.75 |
180 days to 210 days | 6.25 | 6.75 |
211 days to less than 1 year | 6.25 | 6.75 |
1 year | 6.25 | 6.75 |
Above 1 year to 455 days | 6.25 | 6.75 |
456 days to less than 2 years | 6.25 | 6.75 |
2 years to less than 3 years | 6 | 6.5 |
3 years to less than 5 years | 6 | 6.5 |
5 years and up to 10 years | 6 | 6.5 |
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से
((फाइनेंशियल प्लानिंग (वित्तीय योजना) क्या है और क्यों जरूरी है?
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें?
(ब्लॉग एक, फायदे अनेक
Plz Follow Me on:
((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें