रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंकों को पासबुक/खाता विवरण में लेन-देन के ब्यौरों को दर्ज करने का निर्देश दिया है। आरबीआई के इस बारे में कई शिकायत मिली है कि सहकारी बैंक खाते को अपडेट करने में आनाकानी करते हैं...
सहकारी बैंकों द्वारा पासबुक/ खाता विवरण में लेनदेन के ब्योरों को दर्ज करना
कृपया 26 अक्तूबर 2010 के हमारे परिपत्र शबैंवि.केंका.बीपीडी.(पीसीबी).सं: 18/12.05.001/2010-11 तथा 22 अक्तूबर 2014 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरसीबी.बीसी.सं:36/07.51.010/2014-15 के अनुबंध के पैरा 4.6.3 का अवलोकन करें जिनमें सहकारी बैंकों को सूचित किया गया था कि पासबुक/ खाता विवरण में जटिल प्रविष्टियाँ करने से बचें तथा संक्षिप्त और स्पष्ट विवरण दर्ज करना सुनिश्चित करें, ताकि जमाकर्ताओं को होने वाली असुविधा से बचाया जा सके।
2. हमारे ध्यान में यह आया है कि अनेक बैंक अभी भी पासबुक या/और खाता विवरण में लेनदेन का समुचित विवरण नहीं देते हैं जिससे खाताधारक उनकी जांच कर सकें। बेहतर ग्राहक सेवा सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि बैंक खाते में की जाने वाली प्रविष्टियों में न्यूनतम रूप से अनुबंध में दर्शाए गए प्रासंगिक विवरण देंगे। अनुबंध में उल्लिखित लेनदेन की सूची संपूर्ण नहीं अपितु सांकेतिक है।
3. बैंक पासबुक में "जमाराशि बीमा कवर" के बारे में भी सूचना देंगे, जिसमें समय- समय पर परिवर्तन के अधीन कवरेज की सीमा भी शामिल होगी। (स्रोत-आरबीआई)
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