जीएसटी को सुगमतापूर्वक लागू करने के लिए पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार ने कई उपकरों को समाप्त किया |
केंद्र सरकार ने पिछले तीन आम बजट 2015-16, 2016-17 और 2017-18 में धीरे-धीरे वस्तु एवं सेवाओं पर लगने वाले कई उपकरों को समाप्त किया जिससे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 1 जुलाई, 2017 से सुगमतापूर्वक लागू करने की जमीन तैयार की जा सके। केंद्र सरकार ने चरणबद्ध तरीके से कई उपकरों को समाप्त करने का कदम उठाया जिससे कई वस्तुओं एवं सेवाओं में जीएसटी के लिए विभिन्न कर स्तरों में इसे आसानी से समायोजित किया जा सके। केंद्र सरकार ने अपने आम बजट 2015-16 में शिक्षा उपकर समाप्त किया जिसमें कर योग्य सेवाओं पर लगने वाला माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा उपकर शामिल है। इसके अलावा उत्पाद शुल्क योग्य वस्तुओं पर शिक्षा उपकर और माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा उपकर से छूट दी। अपने आम बजट 2016-17 में केंद्र सरकार ने सीमेंट, गत्ते पर उपकर समाप्त किया। तीन उपकरों (श्रमिक कल्याण उपकर अधिनियम 1976 में संशेाधन कर लौह अयस्क खानों, मैगनीज अयस्क खानों और क्रोम अयस्क खानों पर उपकर) समाप्त किया। तंबाकू उपकर अधिनियम 1975 में संशोधन कर तंबाकू उपकर और चलचित्र श्रमिक कल्याण उपकर अधिनियम 1981 में संशोधन कर चलचित्र श्रमिक कल्याण उपकर समाप्त किया। केंद्र सरकार ने अपने आम बजट 2017-18 में अनुसंधान एवं विकास उपकर अधिनियम में संशोधन कर अनुसंधान और विकास उपकर समाप्त किया। कराधान कानून संशोधन अधिनियम 2017 के जरिए निम्नलिखित उपकरों को समाप्त किया गया। हालांकि इसे जीएसटी लागू करने की तारीख के साथ ही लागू किया जाएगा।
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