चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2016-17 की अक्टूबर-दिसंबर (तीसरी तिमाही) में व्यापार घाटे में मामूली कमी के बावजूद सालाना आधार पर बढ़ा है। यह 2015-16 की तीसरी तिमाही में 7.1 अरब डॉलर (GDP का 1.4%) था जो कि 2016-17 की इसी तिमाही में 7.9 अरब डॉलर (GDP का 1.4%) पर पहुंच गया। चालू खाता घाटे की इस बढ़ोतरी में सबसे अधिक योगदान दिया है विदेशों में काम कर रहे भारतीय द्वारा भेजी जाने वाली रकम में
आई कमी। सालाना आधार पर दिसंबर तिमाही में इसमें 3.8% कमी आई है। आरबीआई ने इस बारे में ताजा आंकड़े जारी किए हैं।
-शुद्ध अदृश्य प्राप्तियों में कमी आई है, व्यापार घाटे में मामूली कमी
-सालाना आधार पर सर्विस प्राप्तियों में सॉफ्टवेयर सर्विस, फाइनेंशियल सर्विस और
बौद्धिक संपदा अधिकारों पर फीस में कमी से मामूली गिरावट आई है
-निजी स्थानांतरण प्राप्तियों जैसे कि विदेशों में काम कर रहे भारतीयों द्वारा भेजी जाने वाली रकम
में सालाना आधार पर 3.8% कमी
-शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में सालाना आधार पर मामूली कमी
-इक्विटी और डेट पोर्टफोलियो निवेश के आउटफ्लो में इस दौरान सालाना आधार
पर भारी बढ़ोतरी, 2015-16 की तीसरी तिमाही में 0.6 अरब डॉलर के आउटफ्लो के
मुकाबले 2016-17 की तीसरी तिमाही में 11.3 अरब डॉलर का आउटफ्लो
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