केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 23.55% की बढ़ोतरी होगी। केंद्रीय कैबिनेट ने वेतन बढ़ोतरी के संबंध में गठित 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू होगा। इस आयोग की रिपोर्ट को लागू करने से सरकार पर 1.02 लाख करोड़ का सालाना खर्च आएगा, जो कि GDP का करीब 0.7% बैठता है।
कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि वेतन एवं पेंशन लाभों की बकाया राशि का भुगतान चालू वित्त वर्ष (2016-17) के दौरान ही कर दिया जाएगा, जबकि इससे पहले बकाया राशि के कुछ हिस्सों का भुगतान अगले वित्त वर्ष में किया जाता था।
उपर्युक्त सिफारिशों से 1 करोड़ से भी ज्यादा कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इनमें 47 लाख से ज्यादा केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और 53 लाख पेंशनभोगी शामिल हैं, जिनमें से 14 लाख कर्मचारी और 18 लाख पेंशनभोगी रक्षा बलों से संबंधित हैं।
7वें वेतन आयोग की खास बातें:
खास बातें:
1. पे बैंड एवं ग्रेड पे की वर्तमान प्रणाली समाप्त कर दी गई है और आयोग की सिफारिश के अनुरूप एक नई वेतन संरचना (पे मैट्रिक्स) को मंजूरी दी गई है। अब से कर्मचारी के दर्जे का निर्धारण पे मैट्रिक्स में उसके स्तर के आधार पर होगा, जबकि अभी तक ग्रेड पे के अनुसार इसका निर्धारण होता था। अलग-अलग वेतन संरचनाएं असैन्य (सिविलयन), रक्षा कार्मिकों और सैन्य नर्सिंग सेवा के लिए तैयार की गई हैं। इन संरचनाओं के पीछे सिद्धांत और तर्क एक समान हैं।
2. सभी वर्तमान स्तरों को नये ढांचे में समाहित कर दिया गया है। कोई नया स्तर शुरू नहीं किया गया है और न ही किसी स्तर को हटाया गया है। वेतन संरचना के हर स्तर पर न्यूनतम वेतन तय करने के लिए सुव्यवस्थीकरण के सूचकांक को मंजूरी दी गई है, जो वरिष्ठता क्रम में हर कदम पर बढ़ती भूमिका, जिम्मेदारी और जवाबदेही पर निर्भर करता है।
3. न्यूनतम वेतन को 7000 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। न्यूनतम स्तर पर किसी भी नवनियुक्त कर्मचारी का शुरुआती वेतन अब 18000 रुपये होगा, जबकि नवनियुक्त ‘क्लास I’ अधिकारी का शुरुआती वेतन 56100 रुपये होगा। यह 1:3.12 के संकुचन अनुपात को दर्शाता है, जिससे यह पता चलता है कि सीधी भर्ती वाले किसी भी ‘क्लास I’ अधिकारी का वेतन न्यूनतम स्तर पर नवनियुक्त कर्मचारी के वेतन से तीन गुना अधिक होगा।
4. वेतन एवं पेंशन में संशोधन के उद्देश्य से 2.57 का फिटमेंट फैक्टर वेतन संरचनाओं में शामिल सभी स्तरों पर लागू होगा। प्रचलित दर पर डीए को शामिल करने के बाद सभी सरकारी कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के वेतन/पेंशन में 1 जनवरी, 2016 को कम से कम 14.29 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हो जाएगी।
5. वेतन वृद्धि की दर को 3 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। उच्च मूल वेतन की बदौलत कर्मचारी भविष्य में लाभान्वित होंगे, क्योंकि भविष्य में उनके वेतन में जो वार्षिक वृद्धि होगी वह वर्तमान के मुकाबले 2.57 गुना ज्यादा होगी।
6. कैबिनेट ने स्तर 13ए (ब्रिगेडियर) के लिए सुव्यवस्थीकरण सूचकांक में वृद्धि कर और स्तर 12ए (ले.कर्नल), 13 (कर्नल) और 13ए (ब्रिगेडियर) में अतिरिक्त स्तर (स्टेज) सुनिश्चित करके रक्षा संबंधी वेतन संरचना को और बेहतर कर दिया है, ताकि संबंधित स्तरों के अधिकतम पायदान पर संयुक्त सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के समकक्षों के साथ समता लाई जा सके।
7. रक्षा और संयुक्त सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कार्मिकों समेत विभिन्न कर्मचारियों पर असर डालने वाले कुछ अन्य निर्णय भी लिए गए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं।
• ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। जब भी डीए 50 प्रतिशत बढ़ जाएगा तब ग्रेच्युटी की सीमा 25 प्रतिशत बढ़ जाएगी।
• असैन्य एवं रक्षा कार्मिकों के लिए अनुग्रह राशि एकमुश्त मुआवजे के भुगतान हेतु एक आम व्यवस्था की गई है, जो उनके परिजनों को देय होगा और इसके तहत वर्तमान दरों को विभिन्न श्रेणियों के लिए 10-20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25-45 लाख रुपये कर दिया गया है।
• रक्षा बलों के कर्मियों की विभिन्न श्रेणियों के लिए सैन्य सेवा वेतन की दरें 1000, 2000, 4200 एवं 6000 रुपये से संशोधित करके क्रमश: 3600, 5200, 10800 एवं 15500 रुपये कर दी गई हैं।
8. कैबिनेट ने आवास निर्माण से जुड़ी अग्रिम राशि को 7.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने संबंधी आयोग की सिफारिश को भी मंजूरी दे दी है। कर्मचारियों को कोई दिक्कत न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए 4 ब्याज मुक्त अग्रिमों को बरकरार रखा गया है, जिनमें चिकित्सा इलाज के लिए अग्रिम, टूर/स्थानांतरण के लिए टीए, मृतक कर्मचारियों के परिवार के लिए टीए और एलटीसी शामिल हैं। अन्य सभी ब्याज मुक्त अग्रिमों को समाप्त कर दिया गया है।
9. कैबिनेट ने केंद्र सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना (सीजीईजीआईएस) में किए जाने वाले मासिक अंशदान में भारी वृद्धि करने की सिफारिश को भी न मानने का निर्णय लिया है, जैसी कि आयोग ने सिफारिश की थी।
10. आयोग ने कुल मिलाकर 196 वर्तमान भत्तों पर गौर किया और इन्हें तर्कसंगत बनाने के उद्देश्य से 51 भत्तों को समाप्त करने और 37 भत्तों को समाहित करने की सिफारिश की है।
11. सातवें सीपीसी द्वारा लगाए गए अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2016-17 में इसकी सभी सिफारिशों पर अमल से अतिरिक्त वित्तीय बोझ 1,02,100 करोड़ रुपये का पड़ेगा। इसके अलावा वर्ष 2015-16 के दो महीनों के लिए वेतन एवं पेंशन से जुड़ी बकाया राशि के भुगतान हेतु 12,133 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ वहन करना पड़ेगा।
>सैलरी बढ़ने के संभावित असर:
-वेतन आयोग की रिपोर्ट का असर राज्यों में सरकारों के अधीन काम करने वालों सभी कर्मचारियों पर पड़ेगा।
हर राज्य पर इस आयोग की रिपोर्ट को लागू करने का दबाव होगा। जानकारों का कहना है कि करीब तीन करोड़ लोग इस आयोग की रिपोर्ट से सीधे तौर पर प्रभावित होंगे।
-जानकारों का मानना है कि बढ़े वेतन से लोगों को हाथों में पैसे की ताकत बढ़ेगी और इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर में तेजी आएगी। साथी कंज्यूमर गुड्स की खरीदारी भी बढ़ेगी और इससे बाजार कुछ उछलेगा। रिपोर्ट में जिस तरह आवासीय भत्ता को बढ़ाने की बात कही गई है उससे बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों तक में किराए में वृद्धि होना तय है। अकसर यह देखा गया है कि सरकारी कर्मचारी वेतन में वृद्धि पर सर्वाधिक निवेश रीयल एस्टेट सेक्टर में करते हैं। महंगाई बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है।
-वेतन आयोग लागू होने का असर सेवा क्षेत्र में भी आएगा। लोग बाहर खाने और घूमने पर कुछ खर्च करेंगे। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि स्कूलों की फीस भी बढ़ जाएगी। यानि शिक्षा महंगी होगी।
-आर्थिक मामलों के कुछ जानकार यह मानते हैं कि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर देश की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और इसका सीधा असर जीडीपी पर भी पड़ेगा।
((कर्मचारी बढ़ी सैलरी का कैसे उठाएं ज्यादा फायदा?
((आपातकालीन फंड बनाना आपके लिए अच्छा रहेगा
((क्यों और कैसे बनें beyourmoneymanager?
((सिर्फ तीन कदमों में कैसे पूरी करें फाइनेंशियल प्लानिंग की दुनिया
(('आर्थिक स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है'
((क्या करें महिलाएं, अगर निवेश और फाइनेंस की बेसिक जानकारी ना हो ?
((महिलाओं को क्यों सीखना चाहिए निवेश और फाइनेंस की बेसिक्स
((फाइनेंशियल सफर को सुहाना बनाता है 'मनी मित्र', कैसे जानने के
((म्युचुअल फंड के जरिए फाइनेंशियल प्लानिंग पूरी करें
((पोंजी स्कीम्स की मायावी दुनिया में कैसे फंसते हैं लोग
((इन कंपनियों में पैसे मत लगाइगा, वरना डूबना तय है , क्योंकि
((निवेश को नुकसान से बचाना है तो 5 गलतियों से बचें
((बड़े काम का फेसबुक, ट्विटर, शिकायतों से भी निजात दिलाए
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72 का नियम याद रखें, आपको बनाएगा मालामाल
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((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें?
((अपने पसंदीदा सितारों से सीखें बचत, निवेश और वेल्थ मैनेजमेंट के गुर
((डिपॉजिट्स पर ब्याज घटे, अब कहां हैं ज्यादा कमाई के सुरक्षित मौक; भाग-1
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((आपने KYC डीटेल्स अपडेट किया या नहीं...
((ऐसे E-mails/SMSs/Calls से बचेंगे, तो नहीं पछताएंगे
((लोन पर घर, जेब खाली, डिफॉल्टर होने से कैसे बचेंगे ?
((खतरे में आपका बटुआ, कैसे बचायेंगे ?
((क्या होम लोन ट्रांसफर करने का सही वक्त है...
((कहीं आपका भी पैसा PF,LIC में तो बेकार नहीं पड़ा है
((आपके पैसे पर पहला हक आपका होना चाहिए
((बड़े फायदे हैं छोटी बचत के
((छोटी बचत, बड़े फायदे
((ट्रेजरी बिल्स (टी-बिल्स) क्या है
((सर्टिफेकेट ऑफ डिपॉजिट्स के बारे में जानें
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'किसी कस्टम अधिकारी के फोन पर तुरंत भरोसा ना करें'
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((अगर 'सोशल स्कोर' हो जानदार, तो झटफट मिले उधार
कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि वेतन एवं पेंशन लाभों की बकाया राशि का भुगतान चालू वित्त वर्ष (2016-17) के दौरान ही कर दिया जाएगा, जबकि इससे पहले बकाया राशि के कुछ हिस्सों का भुगतान अगले वित्त वर्ष में किया जाता था।
उपर्युक्त सिफारिशों से 1 करोड़ से भी ज्यादा कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इनमें 47 लाख से ज्यादा केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और 53 लाख पेंशनभोगी शामिल हैं, जिनमें से 14 लाख कर्मचारी और 18 लाख पेंशनभोगी रक्षा बलों से संबंधित हैं।
7वें वेतन आयोग की खास बातें:
खास बातें:
1. पे बैंड एवं ग्रेड पे की वर्तमान प्रणाली समाप्त कर दी गई है और आयोग की सिफारिश के अनुरूप एक नई वेतन संरचना (पे मैट्रिक्स) को मंजूरी दी गई है। अब से कर्मचारी के दर्जे का निर्धारण पे मैट्रिक्स में उसके स्तर के आधार पर होगा, जबकि अभी तक ग्रेड पे के अनुसार इसका निर्धारण होता था। अलग-अलग वेतन संरचनाएं असैन्य (सिविलयन), रक्षा कार्मिकों और सैन्य नर्सिंग सेवा के लिए तैयार की गई हैं। इन संरचनाओं के पीछे सिद्धांत और तर्क एक समान हैं।
2. सभी वर्तमान स्तरों को नये ढांचे में समाहित कर दिया गया है। कोई नया स्तर शुरू नहीं किया गया है और न ही किसी स्तर को हटाया गया है। वेतन संरचना के हर स्तर पर न्यूनतम वेतन तय करने के लिए सुव्यवस्थीकरण के सूचकांक को मंजूरी दी गई है, जो वरिष्ठता क्रम में हर कदम पर बढ़ती भूमिका, जिम्मेदारी और जवाबदेही पर निर्भर करता है।
3. न्यूनतम वेतन को 7000 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। न्यूनतम स्तर पर किसी भी नवनियुक्त कर्मचारी का शुरुआती वेतन अब 18000 रुपये होगा, जबकि नवनियुक्त ‘क्लास I’ अधिकारी का शुरुआती वेतन 56100 रुपये होगा। यह 1:3.12 के संकुचन अनुपात को दर्शाता है, जिससे यह पता चलता है कि सीधी भर्ती वाले किसी भी ‘क्लास I’ अधिकारी का वेतन न्यूनतम स्तर पर नवनियुक्त कर्मचारी के वेतन से तीन गुना अधिक होगा।
4. वेतन एवं पेंशन में संशोधन के उद्देश्य से 2.57 का फिटमेंट फैक्टर वेतन संरचनाओं में शामिल सभी स्तरों पर लागू होगा। प्रचलित दर पर डीए को शामिल करने के बाद सभी सरकारी कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के वेतन/पेंशन में 1 जनवरी, 2016 को कम से कम 14.29 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हो जाएगी।
5. वेतन वृद्धि की दर को 3 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। उच्च मूल वेतन की बदौलत कर्मचारी भविष्य में लाभान्वित होंगे, क्योंकि भविष्य में उनके वेतन में जो वार्षिक वृद्धि होगी वह वर्तमान के मुकाबले 2.57 गुना ज्यादा होगी।
6. कैबिनेट ने स्तर 13ए (ब्रिगेडियर) के लिए सुव्यवस्थीकरण सूचकांक में वृद्धि कर और स्तर 12ए (ले.कर्नल), 13 (कर्नल) और 13ए (ब्रिगेडियर) में अतिरिक्त स्तर (स्टेज) सुनिश्चित करके रक्षा संबंधी वेतन संरचना को और बेहतर कर दिया है, ताकि संबंधित स्तरों के अधिकतम पायदान पर संयुक्त सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के समकक्षों के साथ समता लाई जा सके।
7. रक्षा और संयुक्त सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कार्मिकों समेत विभिन्न कर्मचारियों पर असर डालने वाले कुछ अन्य निर्णय भी लिए गए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं।
• ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। जब भी डीए 50 प्रतिशत बढ़ जाएगा तब ग्रेच्युटी की सीमा 25 प्रतिशत बढ़ जाएगी।
• असैन्य एवं रक्षा कार्मिकों के लिए अनुग्रह राशि एकमुश्त मुआवजे के भुगतान हेतु एक आम व्यवस्था की गई है, जो उनके परिजनों को देय होगा और इसके तहत वर्तमान दरों को विभिन्न श्रेणियों के लिए 10-20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25-45 लाख रुपये कर दिया गया है।
• रक्षा बलों के कर्मियों की विभिन्न श्रेणियों के लिए सैन्य सेवा वेतन की दरें 1000, 2000, 4200 एवं 6000 रुपये से संशोधित करके क्रमश: 3600, 5200, 10800 एवं 15500 रुपये कर दी गई हैं।
8. कैबिनेट ने आवास निर्माण से जुड़ी अग्रिम राशि को 7.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने संबंधी आयोग की सिफारिश को भी मंजूरी दे दी है। कर्मचारियों को कोई दिक्कत न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए 4 ब्याज मुक्त अग्रिमों को बरकरार रखा गया है, जिनमें चिकित्सा इलाज के लिए अग्रिम, टूर/स्थानांतरण के लिए टीए, मृतक कर्मचारियों के परिवार के लिए टीए और एलटीसी शामिल हैं। अन्य सभी ब्याज मुक्त अग्रिमों को समाप्त कर दिया गया है।
9. कैबिनेट ने केंद्र सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना (सीजीईजीआईएस) में किए जाने वाले मासिक अंशदान में भारी वृद्धि करने की सिफारिश को भी न मानने का निर्णय लिया है, जैसी कि आयोग ने सिफारिश की थी।
10. आयोग ने कुल मिलाकर 196 वर्तमान भत्तों पर गौर किया और इन्हें तर्कसंगत बनाने के उद्देश्य से 51 भत्तों को समाप्त करने और 37 भत्तों को समाहित करने की सिफारिश की है।
11. सातवें सीपीसी द्वारा लगाए गए अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2016-17 में इसकी सभी सिफारिशों पर अमल से अतिरिक्त वित्तीय बोझ 1,02,100 करोड़ रुपये का पड़ेगा। इसके अलावा वर्ष 2015-16 के दो महीनों के लिए वेतन एवं पेंशन से जुड़ी बकाया राशि के भुगतान हेतु 12,133 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ वहन करना पड़ेगा।
>सैलरी बढ़ने के संभावित असर:
-वेतन आयोग की रिपोर्ट का असर राज्यों में सरकारों के अधीन काम करने वालों सभी कर्मचारियों पर पड़ेगा।
हर राज्य पर इस आयोग की रिपोर्ट को लागू करने का दबाव होगा। जानकारों का कहना है कि करीब तीन करोड़ लोग इस आयोग की रिपोर्ट से सीधे तौर पर प्रभावित होंगे।
-जानकारों का मानना है कि बढ़े वेतन से लोगों को हाथों में पैसे की ताकत बढ़ेगी और इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर में तेजी आएगी। साथी कंज्यूमर गुड्स की खरीदारी भी बढ़ेगी और इससे बाजार कुछ उछलेगा। रिपोर्ट में जिस तरह आवासीय भत्ता को बढ़ाने की बात कही गई है उससे बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों तक में किराए में वृद्धि होना तय है। अकसर यह देखा गया है कि सरकारी कर्मचारी वेतन में वृद्धि पर सर्वाधिक निवेश रीयल एस्टेट सेक्टर में करते हैं। महंगाई बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है।
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-आर्थिक मामलों के कुछ जानकार यह मानते हैं कि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर देश की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और इसका सीधा असर जीडीपी पर भी पड़ेगा।
((कर्मचारी बढ़ी सैलरी का कैसे उठाएं ज्यादा फायदा?
((आपातकालीन फंड बनाना आपके लिए अच्छा रहेगा
((क्यों और कैसे बनें beyourmoneymanager?
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(('आर्थिक स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है'
((क्या करें महिलाएं, अगर निवेश और फाइनेंस की बेसिक जानकारी ना हो ?
((महिलाओं को क्यों सीखना चाहिए निवेश और फाइनेंस की बेसिक्स
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((म्युचुअल फंड के जरिए फाइनेंशियल प्लानिंग पूरी करें
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