| वित्त मंत्री ने कहा, ‘कर प्रस्तावों का उद्देश्य आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को नई गति प्रदान करना है’ |
| केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज आम बजट में कर प्रस्तावों की घोषणा करते हुए कहा कि इन प्रस्तावों का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास के जरिये रोजगार सृजन को नई गति प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन देना, पेंशन-प्राप्त समाज की दिशा में बढ़ने के उपायों और किफायती मकानों को बढ़ावा देना भी कर प्रस्तावों के मुख्य उद्देश्य हैं। आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को नई गति प्रदान करने के लिए किये गये प्रावधानों में अप्रैल 2016 से लेकर मार्च 2019 के दौरान अपना परिचालन आरंभ करने वाले स्टार्टअप्स को कुल पांच वर्षों में से तीन वर्षों तक अर्जित किये जाने वाले मुनाफे पर कुछ शर्तों के साथ 100 प्रतिशत कर कटौती का लाभ देना भी शामिल है। इसी तरह नवाचार को बढ़ावा देने के लिए पेटेंटों के संबंध में एक विशेष व्यवस्था शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है जिसके अंतर्गत भारत में विकसित एवं पंजीकृत किये जाने वाले पेटेंटों के विश्वव्यापी उपयोग से अर्जित आय पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाया जायेगा। गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान डूबे हुए और संदेहास्पद ऋणों के प्रावधान के संबंध में अपनी आय के पांच प्रतिशत तक की कटौती करने के पात्र होंगे। अपेक्षाकृत छोटे उद्यमों अर्थात ऐसी कंपनियों जिनका टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से अधिक न हो (मार्च 2015 में समाप्त वित्त वर्ष के दौरान), के लिए आगामी वित्त वर्ष के दौरान कॉरपोरेट आयकर की दर को घटाकर 29 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसके अलावा अधिभार और उपकर भी देना होगा। 01 मार्च, 2016 अथवा इसके बाद निगमित की जाने वाली नई विनिर्माण कंपनियों को अधिभार एवं उपकर के अलावा 25 प्रतिशत की दर से टैक्स अदायगी का विकल्प देने का प्रस्ताव किया गया है, बशर्ते कि वे मुनाफे अथवा निवेश से जुड़ी कर कटौती का दावा न करें और निवेश भत्ते एवं त्वरित अवमूल्यन का लाभ न उठाती हों। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के पैनल में शामिल मूल्यांकन निकायों द्वारा मुहैया कराई जाने वाली सेवाओं को सेवा कर से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। विदेशी कंपनी के प्रभावी प्रबंधन स्थान (पीओईएम) के आधार पर रेजीडेंसी के निर्धारण को एक वर्ष टाल दिया गया है। परिसम्पत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) जो डूबे हुए ऋणों के मसले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाती हैं, में और ज्यादा निवेश आकर्षित करने के लिए एआरसी के न्यासों सहित प्रतिभूतिकरण न्यासों को आयकर के जरिये पूर्ण अंतरण का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत न्यास के बजाय निवेशकों को ही आमदनी पर टैक्स अदा करना होगा। वित्त मंत्री ने कॉरपोरेट टैक्स की दर को एक समयावधि के दौरान 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की कर रियायतों को चरणबद्ध ढंग से समाप्त करने की एक योजना का भी उल्लेख किया है। इस योजना की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं: क) आयकर अधिनियम में उल्लिखित त्वरित अवमूल्यन को 01 अप्रैल, 2017 से अधिकतम 40 प्रतिशत तक सीमित कर दिया जायेगा। ख) अनुसंधान कार्यों पर कर कटौतियों के लाभ को 01 अप्रैल, 2017 से अधिकतम 150 प्रतिशत तक और 01 अप्रैल, 2020 से अधिकतम 100 प्रतिशत तक सीमित कर दिया जायेगा। ग) नई एसईजेड इकाइयों को धारा 10एए के तहत मिलने वाला लाभ केवल उन्हीं इकाइयों को प्रदान किया जायेगा जो 31 मार्च, 2020 से पहले कार्य करना आरंभ कर देंगी। घ) कौशल विकास के लिए धारा 35सीसीडी के तहत भारित कटौतियां 01 अप्रैल, 2020 तक जारी रहेंगी। वित्त मंत्री के कर प्रस्तावों के अन्य उद्देश्य ये हैं- कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और स्वच्छ पर्यावरण के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाना, जवाबदेही तय करने के लिए तकनीक का उपयोग करना, कराधान को सरल एवं तर्कसंगत बनाना और कराधान में निश्चिंतता सुनिश्चित करने के लिए मुकदमेबाजी में कमी करना। |
Website On How to Manage Money, Earn more Money from Your Hard Earned money in Hindi. Ask questions. जागरूक, शिक्षित, जानकार निवेशक पैसों के बारे में सही फैसला लेते हैं। इस वेबसाइट का मिशन है Money मित्र बनकर लोगों को Money (पैसों) के बारे में जागरूक करना। पैसे को लेकर कोई सवाल हो, तो हिन्दी में पूछें, सारे सवालों का जवाब यहां आसान शब्दों में मिलेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें