केंद्र सरकार ने मसूर दाल पर आयात शुल्क घटाकर शून्य कर दिया है और मसूर की दाल पर कृषि बुनियादी ढांचा विकास उपकर को भी आधा कर 10 प्रतिशत कर दिया है। इस कदम का मकसद घरेलू आपूर्ति को बढ़ाना और बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में एक अधिसूचना लोकसभा और राज्यसभा में विभिन्न विषयों पर नारेबाजी कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के बीच पेश की।
मंत्री ने कहा कि अमेरिका के अलावा अन्य देशों में पैदा या निर्यात की जाने वाली मसूर दाल पर मूल सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है। साथ ही, अमेरिका में पैदा होने वाली या निर्यात की जाने वाली मसूर दाल पर मूल सीमा शुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
इसके अलावा, मसूर दाल (मसूर दाल) पर कृषि अवसंरचना विकास उपकर को मौजूदा दर 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल मसूर दाल का खुदरा मूल्य 30 प्रतिशत बढ़कर 100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है, जो इस साल एक अप्रैल को 70 रुपये प्रति किलोग्राम था।
सरकार ने कृषि बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए पेट्रोल, डीजल, सोना और कुछ आयातित कृषि उत्पादों सहित कुछ वस्तुओं पर कृषि बुनियादी ढांचा और विकास उपकर (एआईडीसी) लागू किया था।
(साभार- पीटीआई भाषा)
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